दोस्तों आयोजन के इस चक्कर में जिन्दगी कुछ ठहर ही गई है...कुछ खुशीयाँ आपके साथ बाँटना भूल गई थी...अभी कुछ समय पूर्व (२ नवम्बर) को मेरे ब्लोग का जिक्र राजस्थान पत्रिका मे हुआ था इसके बाद(४ नवम्बर)मेरी एक रचना अमर उजाला में प्रकाशित हुई थी...मेरे लिये ये बेहद खुशी की बात थी मगर मै आपके साथ इसे बाँट ना पाई... आशा करती हूँ आप सभी का प्यार व स्नेह हमेशा मिलता रहेगा...
सुनीता(शानू)
बधाई है.
ReplyDelete"चांद से,फूल से,या मेरी ज़ुबां से सुनिये,
ReplyDeleteहर तरफ आप का चर्चा है,जहां से सुनिये"
बहुत बहुत बधाई. अरे राजस्थान पत्रिका या अमर उजाला ही क्यों, आप वाकई हक़्दार है ,चर्चा और प्रशंसा का.
क्षमाप्रार्थी हूं ,आपके आमंत्रण के बावजूद आपके यहां आयोजित कवि गोष्ठी में पहुंच न सका.
बहुत बहुत बधाई । प्रिंट मीडिया में छपना एक सुखद अनुभूति होती है । स्वागत ।
ReplyDeleteआरंभ
जूनियर कांउसिल
बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत सही…।
ReplyDeleteमेरी भी बधाई स्वीकार हो…।
बधाई है सुनिता.
ReplyDeleteवाह!! बधाई!!
ReplyDeleteहमारी तरफ़ से भी बधाई!
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई !
ReplyDeleteघुघूती बासूती
वाह सुनीताजी आप तो हिट होती जा रही हैं। बधाई
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई । प्रभु श्रीनाथजी आपको दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की प्रदान करे यही शुभकामना है।
ReplyDeleteआपकी प्रसन्नता महसूस की जा सकती है! बधाई स्वीकार करें।
ReplyDeleteसुनीता जी,
ReplyDelete’राजस्थान-पत्रिका’ऒर ’अमर-उजाला’में कविता ऒर आपके ब्लाग के संबंध में छपने पर दोहरी बंधाई.तो इस हिसाब से हमारी दो ऒर पार्टियां आपकी ओर ड्यू हो गय़ीं.
बहुत बहुत बधाई सुनीताजी !!:)
ReplyDeleteआपकी कविता बहुत अच्छी लगी.. बधाई ! इतनी सुंदर कविता के लिए..
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteमंज़िले और भी आएंगी राह में...
रचनाओं का कारवां यूँ ही चलने दो
बहुत बहुत बधाई, सुनीताजी!
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