*फिर मिलेंगे*
ये मिलना मिलाना
या फिर कहना कि
फिर मिलना
या मिलने के लिये
बस कह देना
कि फिर कब मिलोगे
मिलने का एक दस्तूर है बस
मिलने को जो मिलते हैं
वे कहते कब हैं मिलने की
मिल ही जाते हैं मिलने वाले
जिनको चाह है मिलने की
कहने भर से गर कोई मिलता
मिल ही जाता
न रहती उम्मीद की कोई
अब आयेगा, तब आयेगा
शायद शाम ढले
वो आ पायेगा
या फिर
अटका होगा किसी काम में
या रोक लिया होगा
किसी राह ने
आज नहीं शायद वो
कल आयेगा
आना होता तो आ ही जाता
आने न आने के बीच
न जाने कितने
बहाने बन जाते हैं
आने वाले आते ही हैं
न आने वाले बस कह जाते हैं
हाँ फिर मिलेंगे
जल्दी ही...
# सुनीताशानू