चाय के साथ-साथ कुछ कवितायें भी हो जाये तो क्या कहने...

Tuesday, December 30, 2008

हॉस्य कविता नव-वर्ष पर...


सबसे पहले आप सभी को नव-वर्ष की हार्दिक शुभ-कामनायें...


कुछ हॉस्य हो जाये...



हमने कहा, जानेमन हैप्पी न्यू इयर

हँसकर बोले वो सेम टू यू माई डियर


पहले बस इतना बतलाओ

आज नया क्या है समझाओ


नये साल पर ही करती हो मीठी-मीठी बातें

चलो रहने भी दो हमको चूना मत लगाओ


कब मिली है हमको बिरयानी

अपनी तो वही रोटी और दाल है

सब कुछ तो है वही पुराना

फ़िर भी कहती हो नया साल है


अच्छा छोड़ो बेकार की बातें

बात करो कुछ क्लीयर

तुम भी मनाओ जश्न आज

हमे भी लेने दो बीयर


नये साल का जश्न

कुछ ऎसा हम मनायें

भूल कर सारे गिले शिकवे

पड़ौसन को भी बुलायें


बीयर तक तो श्रीमान जी की

बात समझ में आई

मगर पडौसन को लाने की

कैसी शर्त लगाई


फ़िर भी दिल पर काबू कर के

पौंछे हमने टियर्स

देकर हाथ में चाय का प्याला

बोले उनको चियर्स


नही मनाना हमे नया साल

रहने दो डियर

टकरायेंगे बस चाय के प्याले

और कहेंगे चियर्स...


सुनीता शानू

20 comments:

  1. आप सभी को नव-वर्ष की हार्दिक शुभ-कामना...

    ReplyDelete
  2. aare chai ke pyle par hi new year,waah bahut achhi rahi kavita:):),naya saal mubarak

    ReplyDelete
  3. naya varsh manaiye ,biryanee pakaiye ,hame bhee khilaiye !

    ReplyDelete
  4. २००९ के आगामी नव वर्ष मेँ सुख शाँति मिले ये शुभ कामना है -
    good poem
    had me smiling all throughout Sunita jee :)
    - लावण्या

    ReplyDelete
  5. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ

    ReplyDelete
  6. बहोत खूब लिखा है आपने ढेरो बधाई साथ में आपको और आपके पुरे परिवार को नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएँ!
    साल के आखिरी ग़ज़ल पे आपकी दाद चाहूँगा अगर पसंद आए ...

    ReplyDelete
  7. नव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
    नीरज

    ReplyDelete
  8. very nice aapko bhee naya varsh mubarak ho
    pradeep manoria
    094 251 32060

    ReplyDelete
  9. हंसी लाती है और गुदगुदाती है

    पड़ोसन की याद क्‍यों दिला दी है

    बीयर भी चियर्स भी
    गियर्स भी

    सब छोड़ जायें इसी साल में
    और रहें उसी के नियर्स जी।

    ReplyDelete
  10. कुछ नव वर्ष बधाईया यही से ले ले बाकी ढेरो वी पी पी से भेजी है छुडवा जरूर ले . :)

    ReplyDelete
  11. :) :) नये वर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ

    ReplyDelete
  12. वाह बढिया हास्य कविता लिख डाली आपने..पडोसन कौन सी वाली है...पता जरूर लगाईये :)

    ReplyDelete
  13. प्रेम और विश्वास के अभिलाष, प्रेम की अभिप्सा समझा दो।
    किस-विधि नापोगे प्यार मेरा, रिश्तों की परिभाषा समझा दो

    मैंने आपका ब्लाग पहली बार देखा. रिश्तों की परिभाषा कोई समझा नहीं सकता. वह महसूस करने का जरिया हैं

    ReplyDelete
  14. नव वर्ष की शुरुआत मुस्कान से हो इससे बेहतर ओर क्या होगा......आपको नव वर्ष की शुभकामनाये !

    ReplyDelete
  15. शायद नए साल में सभी कुछ नया पाने की चाहत से निकली है कविता| :) लेकिन कहते हैं ना "नया नौ दिन, पुराना सौ दिन"| नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं, और दुआ है कि नया साल आपके लिए ढेर सारी खुशियाँ और मुस्कान लेकर आए|
    आज पहली बार आपका ब्लॉग देखा, मुझे अच्छा लगा कि सभी पोस्ट्स सीधा दिल से आई हुई लगती हैं, और इसीलिए दिल तक पहुँचती हैं| आगे इसी प्रकार लिखते रहिये|
    -आपका शुभचिंतक

    ReplyDelete
  16. Aapka blog bahut achcha he. Rachnaien bhi khoob.

    ReplyDelete
  17. Good combination of kavita and comedy...I don't think I will ever be able to do that so I really appreciate what you have written. Do feel free to visit my site and blog
    www.yourstrulypoetry.com
    www.yourstrulypoetry.wordpress.com

    ReplyDelete
  18. 45 days and no post.. surprising...
    my post at hindyugm was on wednesday (11th Feb) and not on 10th feb.. I hope you might have seen it...with bets regards

    ReplyDelete
  19. maine pahli bar apka blog patha kaphi achcha laga khaskar ke new year ki kavita

    ReplyDelete
  20. आपके सफल ब्लॉग के लिए साधुवाद!
    हिंदी भाषा-विद एवं साहित्य-साधकों का ब्लॉग में स्वागत है.....
    कृपया अपनी राय दर्ज कीजिए.....
    टिपण्णी/सदस्यता के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें....
    http://pgnaman.blogspot.com
    हरियाणवी बोली के साहित्य-साधक अपनी टिपण्णी/सदस्यता के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें....
    http://haryanaaurharyanavi.blogspot.com

    ReplyDelete

स्वागत है आपका...

अंतिम सत्य