चाय के साथ-साथ कुछ कवितायें भी हो जाये तो क्या कहने...

Wednesday, November 21, 2007

लिजिये प्रस्तुत है कवि गौष्ठी के कुछ विडियो



विडियो से हमारा ब्लोग खुल नही रहा था इसीलिये
हमने हटा दिये है....


आप सभी को यह जानकर खुशी होगी कि आप सभी के सहयोग से हमारी गौष्ठी सफ़ल रही...और उन्हे मै कैसे भूल सकती हूँ प्रतीक शर्मा जी होशंगाबाद से जिन्होने नेट पर इस काव्य-गौष्ठी को प्रसारित करने में हमारी मदद की...कुछ इन्टरनेट की परेशानी वश मैं विडियो अपलोड नही कर पाई थी...मगर निराश न हो हाजिर है आप सभी के लिये कार्यक्रम की एक रिपोर्ट...






इस सम्मेलन की शाम जो रौनक बन कर आये...उन सभी की मै तहेदिल से कृतज्ञ हूँ...




संजय गुलाटी मुसाफ़िर जी ने किया कार्यक्रम का शुभ-आरम्भ...मगर उन्होने बहुत सोच-समझ कर राकेश जी के सम्मानित हाथों में सौपं दिया....






अभिनंदन समारोह






और अब राकेश जी के पुण्य हाथो से शुरुआत हुई हमारे कार्यक्रम की...

सबसे पहले हुआ राकेश जी द्वारा संचालन
और विनोद पाराशर जी का काव्यपाठ


महेश चंद्र गुप्त जी(खलिश) ने भी समा बांध दिया ...

राजीव तनेजा जी को हम कैसे भूल सकते है....पहला काव्य पाठ किया था उन्होने...

और नन्हा कवि अक्षय चोटिया क्या बात है


अजय जी आज आप गज़ल गाना भूल गये शायद....खैर बहुत सुन्दर कविता ने सभी को खुश कर दिया...

अविनाश वाचस्पति जी और पवन चंदन जी को हम दो नाम एक शख्स समझा करते थे...
बहुत सुन्दर सुनाया आप दो ने...

दिनेश रघुवंशी जी बहुत ही सुन्दर गीतकार है
उनका यहाँ आना हमारे लिये खुशी की बात थी और आपके साथ ज्योति कलड़ा जी का भी हार्दिक अभिनन्दन करते है...


अरे पंगेबाज से हमने पंगा नही लिया था...अरूण भाई आपका नाम तो समीर भाई ने लिया था...मगर आपकी कविता भी सबके मन को भा गई...
जिन्हे सुनने के लिये आप बेताब है लिजिये मिलिये सभी के प्रिय हमारे गुरुदेव समीर लाल जी


और हमने भी सुना ही दी एक कविता...अरे नही नही हमे तो विशेष डिस्काउंट मिला था ३ कवितायें सुनाने का...:)


सजीव जी की कवितायें भी उन जैसी ही सजीव है...


निखिल और शैलेश एक उभरता हुआ सितारा...आप सभी आशीर्वाद दे हम सभी को...


मोहिन्दर भाई क्या कहने....

अन्त मे परम आदरणीय हमारे गुरू के भी गुरु...
राकेश जी आपकी ही प्रतिक्षा में हैं हम सभी...


महफ़िल तो रौशन हो चुकी है मगर वो शक्स कहाँ है जो परवान हुई इस महफ़िल को समय की सीमा में बाधँ सके...
एक बार फ़िर आये कुँवर बेचैन साहब सभी की बेचैनी कम करने...


आप सभी का कोटि-कोटि आभार...

http://www.youtube.com/shanoo03

इस लिन्क पर जाकर आप अपनी कविता सुन सकते है

सुनीता(शानू)


21 comments:

  1. एक बार पुन बधाई। मेरे पास ब्राडबैंड उपलब्‍ध नहीं हैं आप सीडी भिजवा सकें तो भिजवा देंवे।

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  2. कविता लिखना और कविता जीना दो अलग-अलग चीजें हैं। एक जगह दिमाग भर खचॆ होता है, एक जगह हम हमारा दिल कविता को जीवन के हर हिस्से में महसूस करता है। दुष्यंत लिखते हैं-
    हम जिसे ओढ़ते-बिछाते हैं,
    वो गजल आप को सुनाते हैं।
    ये वीडियो और आयोजन की पूरी कल्पना एक पूरे परिवार के भीतर कविता के संस्कार के रचे-बसे होने का साक्ष्य है। यूं तो आपने भी लिखा है कि जिंदगी की कविता को भरपूर जीना चाहती हूं। सभी कवियों को एक बार फिर बधाई। मैं इंटरनेट के अविष्कारक को भी याद कर रहा हूं, कि जो इस बाजारी दौर में संवेदनाओं की धरोहर को बचाने के अभियान में लगे लोगों से परिचय कराने में अपनी अनिवायॆ भूमिका अदा कर रहा है।
    --
    हमीं गिरती हुई दीवार को थामे रहे वरना,
    बचा कर अब बुजुगोॆ की निशानी कौन रखता है।
    --
    प्रताप सोमवंशी

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  3. bahut sundar prastuti sunitaa jii..bahut bahut aabhaar

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  4. सुनीता जी

    हमारा नाम ही नाम है... हम कहां हैं ?
    खैर २४ को सी डी ले आयें हम कापी कर के काम चला लेंगे.

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  5. सुनीता जी,

    पता नहीं क्या प्रोवल्म है कि मैं विडियो देख और सुन नही पा रहा.. जिस लिन्क पर कलिक करता हूं वो गायव हो जाता है..अभी आफ़िस में हूं घर से भी दौबारा प्रयास करूंगा

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  6. कुछ देखें हैं वीडियो लग रहा है कि काफी कुछ मिस कर दिया.जब एक ही कविता सुनानी थी तो हम भी सुना सकते थे. :-)

    इसकी सीडी कैसे मिल सकती है यह बतायें.

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  7. धन्यवाद सुनीता जी! हमें वो उपलब्ध कराने का जो हम मिस कर गए, खबर लगी थी कि इण्टरनेट पर कवि सम्मेलन देखने को मिलेगा लेकिन हम देख नही पाए थे काकेश जी का ही प्रश्न हमें भी करना है कि इसकी सी०डी० कैसे मिलेगी?

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  8. वाह-वाह सुनीता जी आपको जितना धन्यवाद दिया जाये वो कम है। वाकई आप बधाई की पात्र है की आपने हम जैसों को जो इतनी दूर है उन्हें गोष्ठी का आनंद दिला दिया।

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  9. आपने बहुत अच्छा किया कि वीडियो पोस्ट कर दिया. कवि सम्मेलन के कुछ हिस्सों को इस तरह से देख कर अच्छा लगा -- शास्त्री

    हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
    हर महीने कम से कम एक हिन्दी पुस्तक खरीदें !
    मैं और आप नहीं तो क्या विदेशी लोग हिन्दी
    लेखकों को प्रोत्साहन देंगे ??

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  10. सभी कवि साथीयों को सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई

    सुनीता जी आपके इस अनूठे प्रयास पर मेरी तरफ़ से बधाई स्वीकारें -

    स स्नेह

    - लावण्या

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  11. बहुत-बहुत शुक्रिया इन सबको अपलोड करने के लिए!!

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  12. आपको कोटि-कोटि धन्यवाद. बहुत से ब्लॉगर भाइयो का, कवियों का साक्षात् दर्शन कर्वादिया. विडियो देखकर परम आनंद की प्राप्ति हुई है. सीडी कैसे मिल सकती है जरा प्रकाश डालें.

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  13. जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है. दूरी के दर्द को विडियो दिखा कर कम कर दिया... बहुत बहुत शुभकामनाएँ नन्हे कवि को :)

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  14. शानू जी...बहुत अच्छा लगा विडियोज़ को देख कर...
    इन्हें मैने डाउनलोड भी कर लिया है...

    यहाँ अपना वीडियो न देख थोडी मायुसी ज़रूर हुई..लेकिन साथ ही मैँ आपका धन्यवाद करना चाहूँगा कि आप ही की वजह से मैँ अपने जीवन में पहली बार माईक के आगे खडा होकर डरते-डरते ही सही लेकिन कुछ तो बोल पाया ....


    उम्मीद है कि आप मेरी भावनाओँ को समझेंगी और
    अगर आप अलग से मुझे मेरा वीडियो भेज सकें तो आपका बहुत आभार होगा -राजीव तनेजा

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  15. आपके प्रयत्न रंग लाए..अनेकों बधाइय़ां ।

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  16. सुनीता जी,

    इक झलक दिखला कर हिन्द युग्म साथियों की वीडियो नेट से हटा देने का कारण समझ नहीं आया.........
    शायद नाराजगी

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  17. डा. रमा द्विवेदीsaid...

    सुनीता जी,

    आपके द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन सफल रहा इसके लिए आप और आपका परिवार सच में बधाई के पात्र हैं....बहुत सारे कवियों को आपने सुना और सुनवाया......बहुत अच्छा लगा....यह जोश आगे भी बनाए रखें...शुभकामनाओं सहित....

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  18. मैंने यह आज पढ़ा .अच्छा लगा सबका सुन के और सबको देख के
    शुक्रिया सुनीता जी ..इस को यहाँ शेयर करने के लिए !!

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  19. बढ़िया रही यह रिपोर्ट भी ..

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  20. बहुत ही अच्छी रिपोर्टिंग की है आपने।

    वीडियो देखकर और अच्छा लगा।

    सादर

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स्वागत है आपका...

अंतिम सत्य