चाय के साथ-साथ कुछ कवितायें भी हो जाये तो क्या कहने...

Thursday, June 28, 2007

"ए दोस्त"

"ए दोस्त"

तुम जानते हो,

तुम्हारी हर बात,

मेरी जिन्दगी के,

मायने बदल देती है,

तुम्हारी हर बात,

प्रेरणा होती है,

उस पल,

जब मै अकेले में,

सिसक रही होती हूँ...

जिन्दगी से हार कर,

मै जानती हूँ,

उन विषम परिस्थितीयों में,

तुम कुछ भी नही कर सकते,

मेरे लिये,

और यह भी कि,

सहना ही पड़ेगा मुझको यह सब,

अकेले,

मगर फ़िर भी,

मुझे चाहत रहती है,

सदैव,

तुम्हारी उपस्थिती की,

तुम्हारी मौजूदगी की,

तुम्हारे होने का यह

"अहसास"

मुझमे चाहत भर देता है,

जीने की

और रास्ता बनाता है,

उन कठिन परिस्थितियों से,

उभर आने का,

सभंल जाने का...

23 comments:

  1. साथ होने का अहसास हमेशा मजबूती देता ही है,

    बहुत अच्छा लिखा है शानू जी.

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  2. बहुत ही सुन्दर लिखा है, बधाई.

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  3. सही दोस्त के सही मायने ! बहुत सुन्दर लिखा है ! बधाई!

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  4. बहुत अच्छा लिखा है शानू जी

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  5. बहुत ही सुन्दर कविता लगी..सुन्दर भाव है..
    बधाई.

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  6. हर मन की अनुभूति है शायद आपकी कविता, मित्र चाहे कुछ कर सके अथवा नही पर मित्र मानसिक रूप से हमारे साथ है ये अहसास ही बहुत बड़ी ताकत देता है..!

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  7. बहुत सुन्दर भाव और उतनी ही सुन्दर अभिव्यक्ति

    मित्रता का रिश्ता तो वैसे भी सबसे महत्वपूर्ण होता है जो हमें बना बनाया नहीं मिलता, हम खुद बनाते हैं
    मन छू लिया कविता ने

    आभार

    सस्नेह
    गौरव शुक्ला

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  8. दोस्ती पर सुन्दर रचना है शानू जी,

    यारी यार की न तोडे चाहे जग छोड दें
    तेरी खातिर जान भी हाजिर है मित्रा
    किदी हड्डी पसली तोडिये सानू कह मित्रा...

    :)

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  9. सबको ऐसे दोस्त --- कम ही मिलते हैं

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  10. मेरी जिन्दगी के,मायने बदल देती है,तुम्हारी हर बात, प्रेरणा होती है,उस पल, जब मै अकेले में,सिसक रही होती हूँ...जिन्दगी से हार कर,मै जानती हूँ,उन विषम परिस्थितीयों में,तुम कुछ भी नही कर सकते,मेरे लिये,और यह भी कि,सहना ही पड़ेगा मुझको यह सब, अकेले,मगर फ़िर भी,मुझे चाहत रहती है,सदैव,तुम्हारी

    fascinating lines.....i luv tis kind of idea of romance

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  11. "दोस्त" का होना ही ज़िंदगी के मायने बदल देता है चाहे दोस्त हमसे कहीं दूर बैठा हो पर उसका हमारे साथ होने का एहसास ही हमें दोस्त के मायने बता जाता है।

    दोस्त और दोस्ती को बयान करती एक बढ़िया रचना, सुनीता जी बधाई!

    शुक्रिया!!

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  12. बहुत ही सुंदर कविता, दोस्ती में दर्द और समीपता के एहसास को सुंदर ढंग से चित्रित किया गया है जिसे कवि नें हृदय से कविता मे उकेरा है ! भाव प्रधान यह कविता दिल को छू लेती है ! शानू जी इस कविता को यहां देने के लिये बधाई । दिनकर जी के शब्दो मे - "उस अनंत मे, जो अमुर्त धागों से बांध रहा है । सभी दृष्य सुषमाओं को अविगत, अदृष्य सत्ता से - - - "

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  13. सुन्दर एवं संजीदा
    वाह!

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  14. संबल हो तो कई रास्ते स्वत: खुल जाते है चाहे वह परमात्मा का अहसास ही क्यों न हो…
    लगता है कि कुछ अगर चुक भी हो गई तो वह मेरी रक्षा करेगा…
    आपकी बात में दम है और बहुत सूदर ढंग से कहा है…।बधाई स्वीकारे!!!

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  15. यथार्थ लिखा है। मन से लिखी गई कविता का स्वर कुछ इसी प्रकार मुखरित होता है।

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  16. sunitaji-

    kavita saral lekin bahut bhav purn hai... dost pass nahi to kya uski maujudagi ka ehsaas hi jeene ka sambal ban jaata hai.. yahi ti dosti hoti hai.. badhai..

    akash-usa.

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  17. अच्छी और भावपूर्ण कविता ।
    सच्चे दोस्त ऐसे ही होते है।

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  18. हाँ सच है कि कई दोस्त जिन्दगी के मायने बदल देते है

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  19. वाह!

    हम खुश हुए मित्र ;)

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  20. sach dost ke bas saath hone ke ehsas se hi gum kitne kam ho jate hai,this is simply beautiful words by u sunitaji.

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  21. sunitaa jee
    aapkee yeh rachnaa ek aikaantiktaa se joojh rahe us akele aadmee kee vyathaa kthaa hai jo apnee jijeevishaa aur sangharsh-priytaa ke bal par jeene kee khwaahish rakhtaa hai. rachnaa men dost ke liye vyakt kee gayee bhaawnaayen aapkee saamaajik sarokaaron ke prati pratibaddhtaa kee parichaayak hain.
    anandkrishan, jabalpur
    mobile- 9425800818

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  22. sunitaa jee
    aapkee yeh rachnaa ek aikaantiktaa se joojh rahe us akele aadmee kee vyathaa kthaa hai jo apnee jijeevishaa aur sangharsh-priytaa ke bal par jeene kee khwaahish rakhtaa hai. rachnaa men dost ke liye vyakt kee gayee bhaawnaayen aapkee saamaajik sarokaaron ke prati pratibaddhtaa kee parichaayak hain.
    anandkrishan, jabalpur
    mobile- 9425800818

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  23. Hi Shanoo,
    Isko padhkar laga ki ye tumne mujhe uphaar diya hai, kyunki ye mere B"day se theek ek din pehle likhi hui hai.

    achcha ehsaas hai Dost ka
    Gaurav Vashisht

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स्वागत है आपका...

अंतिम सत्य