जब से सिमट गया है
सारा घर मोबाइल में
इमोशन खो गये हैं
व्वाट्स अप की स्माइल में
बच्चे सामने आने से
कतराते हैं
अब बस मोबाइल पर ही
बतियाते हैं
पहले यदा-कदा
प्यार भरे दो बोल
कह दिया करते थे
डाल गले में बाहें
झूल लिया करते थे
अब तो मोबाइल पर ही
मुस्कुराते हैं
टाटा बाय-बाय
हाथ हिलाते है
बस लव यू मम्मा
कह पाते हैं....
शानू
ओह - आप इसे हास्य कविता कहती हैं :-(
ReplyDeleteहा हा हा हा ……… हँसना जरुरी है
ReplyDeletegood
ReplyDeleteप्यार के नियम कड़े हो गए हैं ,
ReplyDeleteबच्चे अब कहीं बड़े हो गए हैं !
ye to vyang hai
ReplyDeleteइतनी गंभीरता इस हास्य में …
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना...
ReplyDeleteलाजवाब....
:-)
आजकल भावनाएं भी इलेक्ट्रोनिक हो गयी है
ReplyDelete