चाय के साथ-साथ कुछ कवितायें भी हो जाये तो क्या कहने...

Saturday, February 23, 2013

व्यंग्य नरक में डिस्काऊंट ऑफ़र का कविता रुप


सुप्रभात मित्रों... सुबह-सुबह माथा खराब हो उससे पहले चलिये कुछ हॉस्य हो जाये... :)

सेल की दुकान देखते देखते
एक आदमी 
नरक के दरवाजे आ गया
यमराज को देख घबरा गया
बोला हे महाराज
इतनी जल्दी क्यों मुझे बुलाया
अभी तो मेरा समय नही आया
यमराज बोला 
तुम्हें बुलाया नही गया है
तुम खुद चले आये हो 
लालच मे फ़ँस कर
हमने जो नाइनटी पर्सेंट ऑफ़र का
बोर्ड लगाया
ऎ मानव तूं उसी में फँसा आया
पर हुजूर नरक तो है यातना गृह जैसा
फिर ये ऑफ़र ये डिस्काऊँट कैसा???
यम्रराज झल्लाया
अरे क्या हमे मूर्ख समझ रखा है
तुम रोज अपनी रणनीति बदलते हो
नये-नये ऑफ़र देते हो
और तो और सुना है
आजकल तुहारी जेलो मे
कैदियों को मोबाईल से लेकर एसी तक
सारे सुख मिलते हैं
तुमने चोरो अपराधियों को इतना सम्मान दिया है कि
आजकल वो टी वी पर दिखते हैं 
छोटे चोर हो या बड़े चोर
सब अपना कैरियर बनाते हैं
इसीलिये हमने
ये तरीका अपनाया है
सेल का ऑफ़र दे
तुम्हें बुलाया है
और सोच विचार कर
विशेष फ़ेसिलिटी देने का निश्चय किया है
ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग परिवार सहित
नरक मे आयेऔर 
हमारे नरक का नाम रोशन करें
अच्छा ऎसी बात है
तो क्या ऑफ़र है बताईये
यमराज बोला
जवान आने वाले के साथ
एक के साथ एक फ़्री होगा
रूम विद अकोमोडेशन मिलेगा
फ़ार्म धरती पर भिजवा दिये गये हैं
जो जल्दी भर देगा उसका नम्बर पहला
आदमी फोरन रहने के लिये तैयार हो गया
बोला मै तो शरीफ़ आदमी हूँ सरकार
चोरो के लिये वार्ड अलग बने होंगे न
उन्हे तो आप जरूर यातना ग्रह में डालेंगे
यमराज बोला अरे मानव 
तू सचमुच पक्का बिजनेस मैन है रे
तेरी धरती पर भी
क्या चोरो का मुह काला होता है
क्या अब भी उन्हे गधे पे बिठाया जाता है
आजकल चोर तो वाह वाह करते नजर आते हैं
चोरी करके इनाम पाते है
चोरो के करिश्मे इतने मशहूर हुए हैं
कि चोर सेलिब्रिटी बन जाते हैं
जब तुम्हे चोरो को अपनाने में एतराज नही तो हमें क्यूं होगा
हमने फ़ैसला किया है
धरती के जैसे ही यमराज की जेल
पूरी तरह से सुख सुविधाओं से लैस होगी
ताकि प्रकृति के नियम को न बदले आदमी
समय-समय पर नरक में भी आ जा सके
आदमी खुशी से झूम उठ
पूरे परिवार के साथ स्पेशल डिस्काऊँट पा गया
धरती से दौड़ता हुआ नरक में आ गया 
शानू 
( मेरे व्यंग्य नरक में डिस्काऊंट ऑफ़र का कविता रुप)

15 comments:

  1. बहुत बढ़ियाँ रोचक और सत्य...
    :-)

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  2. हमें तो चाय पर डिस्काउंट चाहिए :)

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  3. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-02-2013) के चर्चा मंच-1165 पर भी होगी. सूचनार्थ

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  4. बडी सुंदर व्यंग्य-रचना रची आपने!

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  5. इस डिसकाउंट पर कौन ना वारि जाए !

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  6. बहुत ..... वहा बहुत खूब
    सच बयाँ करती आपकी रचना बस सही हाल बयाँ किया है आपने देश का
    मेरी नई रचना
    खुशबू
    प्रेमविरह

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  7. मजेदार रचना

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  8. सुनीता जी बहुत बढ़िया रचना ..
    बधाई

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  9. आजकल चोर तो वाह वाह करते नजर आते हैं
    चोरी करके इनाम पाते है
    चोरो के करिश्मे इतने मशहूर हुए हैं
    कि चोर सेलिब्रिटी बन जाते हैं
    wah

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  10. बढ़िया व्यंग्य!
    काश! धरती पर 'स्पेशल डिसकाउंट' मिलने वालों को ये डिसकाउंट भा जाए.. :-)
    ~सादर!

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स्वागत है आपका...

अंतिम सत्य