
आँखों ने आँखों से कह दिया सब कुछ
मगर जुबाँ खामोश रही...
जब दिल ने दिल की सुनी आवाज़
धड़कन खामोश रही...
आँखो के रास्ते दिल में उतरने वाले
ऎ मुसाफ़िर
अब बाहर जा नही सकते
तुम्हारे प्यार की खुशबू से तृप्त
उठती गिरती साँसे देख कर
अब पलके बंद हो गई...
सुनीता शानू
मगर जुबाँ खामोश रही...
जब दिल ने दिल की सुनी आवाज़
धड़कन खामोश रही...
आँखो के रास्ते दिल में उतरने वाले
ऎ मुसाफ़िर
अब बाहर जा नही सकते
तुम्हारे प्यार की खुशबू से तृप्त
उठती गिरती साँसे देख कर
अब पलके बंद हो गई...
सुनीता शानू