चाय के साथ-साथ कुछ कवितायें भी हो जाये तो क्या कहने...

Monday, October 1, 2007

एक गीत बापू जयंती पर...

(यह तस्वीर जीतू भाई के एलबम से ली गई है,अगर उन्हे आपत्ति होगी तो मै हटा दूँगी)





बापू ने दिया हमको बस एक ही नारा

अंग्रेजो भारत छोड़ो, हिन्दुस्तान हमारा...



एक अकेला वीर वो एसा

जिसने क्रांति का झण्डा फ़हराया

सत्य,अहिन्सा,और शांती का

जिसने देश में दीप जलाया

बलिदानी भारत भूमि को वो बापू प्यारा...
हिन्दुस्तान हमारा...



ना हिन्दू ना मुस्लिम कोई

ना सिख ना ईसाई

बापू को प्यारे सब मजहब

सब हिन्दूस्तानी भाई

हरिजनो को भी बापू ने दिया सहारा

हिन्दुस्तान हमारा...



एक खादी का लंगोट पहन

सबके दिल पर राज किया

विदेश माल को फ़ूंका

खादी का प्रचार किया

चरखे कि आवाज ने लोगो को पुकारा

हिन्दुस्तान हमारा...



सच्चाई पर अड़ा रहा

अपनी नींद उड़ा कर

देश कि खातिर जेल गया

सारे सुख लुटा कर

हर मुश्किल में डटा रहा कभी न हिम्मत हारा

हिन्दुस्तान हमारा...



दांडी की यात्रा कर

अपने हाथो नमक बनाया

सारे देश को सत्याग्रह का

जिसने पाठ पढ़ाया

आज़ादी का मतवाला वो सारे देश का प्यारा

हिन्दुस्तान हमारा...



अंग्रेजो से टक्कर लेकर

सत्य की ज्योत जलाई

देकर अपने प्राण जगत में

वीरो की गती पाई

याद रहेगा बापू हमको वो बलिदान तुम्हारा

हिन्दुस्तान हमारा...



सुनीता(शानू)

14 comments:

  1. बढ़िया है.

    बापू को शत शत नमन.

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  2. अति सुन्दर !!

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  3. जीतू भाई के एलबम से ली गई चित्र एवं कविता दोनो सुन्‍दर है । बधाई ।

    'आरंभ' छत्‍तीसगढ की धडकन

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  4. बापू को नमन !
    सुन्दर !!

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  5. बढ़िया लिखा है आपने!

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  6. काफी प्रभावशाली गीत! एक कविता लाल बहादुर शास्त्री जी पर भी लिखें।

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  7. बहुत प्रभावशाली गीत है! एक कविता लाल बहादुर शास्त्रीजी पर भी लिखने का प्रयास करें।

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  8. सुनीता जी,

    सामायिक कविता के लिये बधाई.. सुन्दर लिखा है

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  9. u know how to put feelings in words...app bhaut hee behtareen likhtee hai

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  10. gaandhijee kewal ek vyakti naheen balki ek pusht vichaar-dhaaraa hain. vyakti gaandhi kaa chale jaanaa gaandhi kee vichaardhaaraa par ek Thes jaroor lagaa gayaa aur iske kaaran gaandhi beech men apraasangik bhee hone lage the. soch ke roop men gaandhi kaa sabse pramukh awdaan yahee hai ki ve hamaare praacheen saanskRutik moolyon ko naye sire se punarvyaakhyaayit karte hain.
    gaandhi jayanti par gaandhi ko vibhinn tareekon se yaad karnaa is baat ki aashwasti detaa hai ki maanavtaa ko gaandhi ki zaroorat hai. aapki rachnaa isi zaroorat ko roopaayit kartee hai.

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  11. This comment has been removed by a blog administrator.

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  12. बहुत सुन्दर रचना..
    बापू को नमन....
    :-)

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स्वागत है आपका...

अंतिम सत्य