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नन्हा अक्षु |
हर बात तुमसे कही नही जाती
कविताई होती भी नही आजकल
किसी की प्यारी बातों ने
बाँधा है कुछ इस कदर
कि न चाह कर भी लिख बैठी हूँ
कुछ शब्द कागज़ पर बस
हर बात तुमसे कही नही जाती
कविताई होती भी नही आजकल…
साफ़गोई इतनी अच्छी तो नही
मगर पाकिजा सी तेरी मूरत
टकटकी लगाये निहारती
मोह सा जगा देती है मुझमें
कि न चाह कर भी लिख बैठी हूँ मै
कुछ शब्द कागज पर बस.
हर बात तुमसे कही नही जाती
कविताई होती भी नही आजकल
शानू