चाय के साथ-साथ कुछ कवितायें भी हो जाये तो क्या कहने...
Saturday, March 14, 2020
रुपायन में प्रकाशित...दोहे फ़ागुन के...
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अंतिम सत्य
हॉस्य कविता नव-वर्ष पर...
सबसे पहले आप सभी को नव-वर्ष की हार्दिक शुभ-कामनायें... कुछ हॉस्य हो जाये... हमने कहा, जानेमन हैप्पी न्यू इयर हँसकर बोले वो सेम टू यू माई डिय...
पंछी तुम कैसे गाते हो
पंछी ! तुम कैसे गाते हो-? अपने सारे संघर्षों मे तुम- कैसे गीत सुनाते हो-? जब अपने पंखों को फ़ैला- तुम...
जबलपुर की यात्रा...
एक छोटा सा शहर जबलपुर... क्या कहने!!! न न न लगता है हमे अपने शब्द वापिस लेने होंगे वरना छोटा कहे जाने पर जबलपुर वाले हमसे खफ़ा हो ही जायेंगे....