मोहब्बत के अवशेष
सब कुछ खत्म होने के बाद भी
कुछ अवशेष बचे रह जाते हैं
जो बताते हैं कि खत्म कुछ नहीं होता
रबर से मिटाने पर भी काग़ज़ पर
अक्षर अपना निशान छोड़ जाते हैं
वैसे ही तुम्हारा आना और
मेरी प्रोफाइल में झांकना दर्ज होगा एक सदी में
कि यह तुम्हारे सकुशल होने का संदेश भर है
जब कभी सोशल मीडिया की फाइलें खंगाली जाएंगी
न जाने कितने प्रेम पत्र मिलेंगे
कुछ सेव कुछ डिलीट किए
कुछ छूट गए होंगे
तुम्हें जवाब देने की प्रतिक्षा में
ये अवशेष मोहब्बत की नई दास्तान सुनाएंगे
इन्हें कम मत आंकिए
यह किसी की अंतिम सांसों का हिसाब होंगे
इनमें जी रही होगी एक सभ्यता
जो खामोशी से दफ़न हो गई होगी
यह हरगिज़ कम नहीं होंगे
मोहन-जोदड़ो या हड़प्पा की खुदाई से मिले अवशेषों से भी।
ये तो तब होगा जब गूगल महोदय इस इनेक्टिव अकाउंट को सालों साल न हटाए ... पर सच है ये भी एक निशान है जो बहुत कुछ कहेगा ...
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लेकिन ये जासूसी नहीं चलेगी 😊😊
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ReplyDeleteबहुत ख़ूब। सोशल मीडिया पर उपस्थिति सकुशल होने का प्रमाण है और क्रियाकलाप उसके धरोहर। और यह हिसाब किताब गूगल बाबा रखते हैं। न जाने कब हमारी संस्कृति सभ्यता की याद में यह सबूत बने।
ये भी बताएँगे कभी कि इमारत बुलंद थी
ReplyDeleteवाह बहुत खूब गजब चिंतन।
ReplyDeleteवाह ! बहुत ख़ूब आदरणीय दीदी .
ReplyDeleteवाह!! सुन्दर सृजन....
ReplyDeleteAWESOME POST THANKS FOR SHARE I LOVE THIS POST
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