चाय के साथ-साथ कुछ कवितायें भी हो जाये तो क्या कहने...

Sunday, September 5, 2010

एक व्यंग्य कविता

गूगल से साभार




करामाती इंजेक्शन


होटल के एक कमरे में प्यारे लाल ठहरे
अभी आये भी नही थे उन्हे
खर्राटे गहरे
कि इतने में आवाज सुनी

किसी के रोने की
किसी के सिससने की
किसी के दर्द से कलपने की
साँप के फ़ुफ़कारने की  फ़िर-
हल्की सी घुटी-घुटी एक चीख आई
डर के प्यारे लाल ने बत्ती जलाई
और जोर से चिल्लाये
कौन है भाई?

ये होटल है या भूत प्रेत का  डेरा
आवाज सुन कर दौड़ता आया बेयरा
साहब क्या लाऊँ फ़रमाया
इतनी रात क्यों हमे जगाया

गुस्से में प्यारे लाल लाल हुए
बोले-
कैसा ये होटल है बतलाओ
क्या हो रहा इतनी रात समझाओ
वरना मै अभी पुलिस बुलाऊँगा
तुम सबको हवा जेल की खिलवाऊँगा

वेटर जो चुप खड़ा था
जोर से हँस दिया
प्यारे लाल ने गुस्से मे आ झापड़ जड़ दिया
कमबखत हमारा मजाक उड़ाता है
देर रात मुसाफ़िरों को डराता है

वेटर बोला लगता है आप
नही जानते कुछ माई बाप
नही यहाँ होता है कोई पाप
नही बगिया में है कोई साँप
ये तो इंजेक्शन का कमाल है
तभी तो कच्चा टमाटर भी हो जाता लाल है
सेब आम पपीते लौकी तुरई खीरे
जो खायेंगे आप सवेरे

ये करामाती इंजेक्शन
एक रात में करामात दिखलाता है
नवजात शिशु को ताकतवर बनाता है
प्यारे लाल झल्लाये
दिल किया एक इंजेक्शन इसे भी लागायें

फ़ल सब्जियां क्या इसान भी अब कृत्रिम हो गया है
दवाओ से फ़लता-फ़ूलता है दवाएं ही खाता है
विज्ञान का चमत्कार
परखनली का इंसान
भगवान की बनाई सृष्टि का
बन बैठा भगवान।

सुनीता शानू

24 comments:

  1. बहुत सटीक और सार्थक व्यंग

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  2. बहुत सार्थक व्यंग|

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  3. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति के प्रति मेरे भावों का समन्वय
    कल (6/9/2010) के चर्चा मंच पर देखियेगा
    और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा।
    http://charchamanch.blogspot.com

    शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  4. परखनली का इंसान .....बन बैठा भगवान. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई हो

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  5. हास्‍य व्‍यंग्‍य से परिपूर्ण चुटीली कविता है, इंजेक्‍शन की महिमा के सहारे इंजेक्‍शनवालों (कृत्तिमता) पर प्रहार.

    धन्‍यवाद.

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  6. बहुत धारदार व्यंग्य है!
    --
    भारत के पूर्व राष्ट्रपति
    डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिन
    शिक्षकदिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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  7. वाह !
    क्या सुन्दर तरीके से शब्दों में पिरोया है आपने मन की बात को ।

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  8. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना 7- 9 - 2010 मंगलवार को ली गयी है ...
    कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  9. वाह क्या शाददार याद दिलाई है उस इंजेक्शन की..कहीं ये कविता पढ़कर कोई अपने बच्चे को नहीं लगा दे....हीहीहीहहीहीही........एक महीने बाद आपको आपके जन्मदिन की बधाई..अच्छा है जी हम बीबी के कहर से बचे गए.........अकेला मस्त राम सही है हम तो जी.....

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  10. पर सन्नाटा तोड़ती रहिए..पिछली बार खुद शिकायत की फिर एक महीने बाद आईं..

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  11. सुंदर हास्य रचना व्यंग का पुट लिए ..... मज़ा आ गया ...

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  12. http://charchamanch.blogspot.com/2010/09/270.html

    yahan bhi apni post dekhen

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  13. sundar hasye, aur jordar vyang

    badhai

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  14. सुंदर हास्य और खतरनाक व्यंग्य,
    आप के खजाने से निकाल तक इस नगीने को हम तक पहुंचाने के लिए यशवंत भाई का बहुत बहुत आभार

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  15. ्शानदार व्यंग्य्।

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स्वागत है आपका...

अंतिम सत्य