चाय के साथ-साथ कुछ कवितायें भी हो जाये तो क्या कहने...
Tuesday, October 28, 2008
दीपावली की शुभकामनाएं
शुभ-दीपावली
सुबह का सूरज ले आया
खुशियों की सौगात
पूरे होंगे अरमां सारे
जागेगी सारी रात
नन्हा सा एक दीप जला
सजी दीपों की बारात
आओ जलाये दीप एक
उन शहीदों के नाम
हुए न्यौछावर देश पर जो
जिनसे रौशन है कायनात
सुनीता शानू
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