tag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post6004602265653063834..comments2024-03-27T14:14:46.377+05:30Comments on मन पखेरू उड़ चला फिर: अलविदा मित्रोंसुनीता शानूhttp://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-76189377906597747342007-08-04T13:31:00.000+05:302007-08-04T13:31:00.000+05:30आपका E मेल पता भेजें.360 मेल से आपको मेल भेजने में...आपका E मेल पता भेजें.<BR/>360 मेल से आपको मेल भेजने में दिक्कत है आपकी मेल मिल तो रही है जा नहीं रही है.<BR/>कविता के बिना आपका रहना मुश्किल है.<BR/>बकौले वशीर बद्र-<BR/>मुझसे बिछड़ कर खुश रहते हो.<BR/>मेरी तरह तुम भी झूटे हो.<BR/>डॉ.सुभाष भदौरिया.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-13304261980211747992007-08-02T23:14:00.000+05:302007-08-02T23:14:00.000+05:30Will wait for you. All the best and have good time...Will wait for you. All the best and have good time and business.Sharma ,Amithttps://www.blogger.com/profile/07546730458964129973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-28449654116259613532007-08-02T20:55:00.000+05:302007-08-02T20:55:00.000+05:30अरे काम के साथ लिखना जारी रखिये। न हो तो इकब्लागिग...अरे काम के साथ लिखना जारी रखिये। न हो तो इकब्लागिग करिये।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-30962718099434508062007-08-02T14:50:00.000+05:302007-08-02T14:50:00.000+05:30सुनीता जी, पारिवारिक दायित्व का निर्वहन आवश्यक ह...सुनीता जी, <BR/>पारिवारिक दायित्व का निर्वहन आवश्यक है साथ ही व्यवसाय भी आवश्यक है, आप इन दोनों के लिए अपना समय देना चाहती हैं तो बहुत अच्छी बात है, पर हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इससे पहले क्या आप इन दोनों के लिए समय नहीं दे पा रही थीं, यदि नहीं दे पा रही थीं सिर्फ कविता और व्लाग को ही समय दे रही थी तो यह दायित्वों के प्रति नाइंसाफी थी ।<BR/><BR/>वैसे जहां तक मेरे चिट्ठाजगत में जो अनुभव हैं उसके अनुसार से कहूं तो परिवार, व्यवसाय एवं ब्लाग के साथ जीवन और समय का सामन्जस्य बिठाना ही पडता है, यह स्वाभाविक रूप से बैठता नही है ।<BR/><BR/>हमारी शुभकामनायें कि आप वर्षा और शरद का आनंद लेवें, परिवार में सुख बांटें, बीच के क्षणों में भावातिरेक को शव्दों में बांधें, योंकि परिवार जीवन की एक सुन्दर कविता हे, जिसे कवि मन ही समझ सकता है ।<BR/><BR/>पुन: शुभकामनायें । हम सब आपको आद करते रहेंगें ।<BR/><BR/>संजीव36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-44287056585960891052007-08-02T13:31:00.000+05:302007-08-02T13:31:00.000+05:30आपका फ़ैसला शिरोधार्य, शुभकामनायेंआपका फ़ैसला शिरोधार्य, शुभकामनायेंनीरज शर्माhttps://www.blogger.com/profile/02856956576255042363noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-38375594900030505302007-08-02T12:26:00.000+05:302007-08-02T12:26:00.000+05:30ए लो कल्लो जी बात। ये क्या बात हुई भला, कविता नई ल...ए लो कल्लो जी बात। ये क्या बात हुई भला, कविता नई लिखोगी आप तो खाना पच जाएगा?<BR/><BR/>चलो जल्दी से एकाध कविता चढ़ाओ ब्लॉग़ पे!!<BR/>अपन वेट रहे हैंSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-48916828257840621152007-08-02T11:04:00.000+05:302007-08-02T11:04:00.000+05:30सुनीता (शानू) ये आप क्या कर रही हैं? जा रही हैं? ...सुनीता (शानू) ये आप क्या कर रही हैं? जा रही हैं? हैं! और कविताएं? हम कहां पढ़ेंगे! पढ़े बिना कैसे रहेंगे? आपको लगता है छह महीने कम होते हैं? आदमी (या औरत) इतने दिन कविताओं के बिना रह पाएगा? और रह पाया तो वह फिर आदमी (या औरत) रहेगा? कविताएं लिखते समय आपको सोचना चाहिए था कि आगे एक समय छह महीने वाला समय भी आएगा जब कविताएं नहीं होंगी, आपके पति और बच्चे होंगे! क्या अजीब उलझन खड़ी कर दी आपने? मगर जा कहां रही हैं? थाइलैंड या जापान? आपकी जगह भरने की कोशिश करुंगा.. करुं?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-11217430430094912502007-08-02T09:43:00.000+05:302007-08-02T09:43:00.000+05:30ये भी जरुरी है,पर कोशिश करना यात्राओ के बीच लिखी क...ये भी जरुरी है,पर कोशिश करना यात्राओ के बीच लिखी कविता को पोस्ट करने की ,यात्रा संसमरण भी..बेशक इंक ब्लोगिंग का प्रयोग करो..:) बेहतर व्यापार के लिये शुभ कामनाये..Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-12305250838790399652007-08-02T09:34:00.000+05:302007-08-02T09:34:00.000+05:30कुछ पतियां ,ताज़ा,चाय की ,अपनी महक के साथ लेती आना ...कुछ पतियां ,<BR/>ताज़ा,<BR/>चाय की ,<BR/>अपनी महक के साथ <BR/>लेती आना <BR/> प्याले से मन <BR/>खाली हैं,<BR/>आतुर हैं,<BR/>छलक जाने को ।<BR/>सस्नेह --<BR/>सुजातासुजाताhttps://www.blogger.com/profile/10694935217124478698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-74315666363907195812007-08-02T09:03:00.000+05:302007-08-02T09:03:00.000+05:30सुबह -सुबह ऐसी ख़बर।आपका इंतज़ार रहेगा !!सुबह -सुबह ऐसी ख़बर।<BR/><BR/>आपका इंतज़ार रहेगा !!mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-77015200537758232522007-08-02T08:50:00.000+05:302007-08-02T08:50:00.000+05:30मन पखेरू फ़िर उड़ चला...:):) कहां चल दी सुनीता जी:):...मन पखेरू फ़िर उड़ चला...:):) कहां चल दी सुनीता जी:):).....दूर आप रह ना सकोगी यह हम जानते हैं <BR/>समय समय पर अपनी दस्तक देती रहें ..अच्छा लगेगा..:):)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-83882098134726329402007-08-02T08:02:00.000+05:302007-08-02T08:02:00.000+05:30आपका इंतजार....आपका इंतजार....काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-74002413801497192372007-08-01T23:32:00.000+05:302007-08-01T23:32:00.000+05:30चाय की पत्तियों के साथ लौटते वक्त कुछ अहसास भी चुन...चाय की पत्तियों के साथ लौटते वक्त कुछ अहसास भी चुन लाना....उन्ही को फिर थोड़ी अदा के साथ परोस देना।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16964389992273176028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-53352886534621181882007-08-01T23:20:00.000+05:302007-08-01T23:20:00.000+05:30आपकी प्रतिक्षा रहेगी।शुभकामनाएं।आपकी प्रतिक्षा रहेगी।शुभकामनाएं।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-1321708906495883042007-08-01T23:15:00.000+05:302007-08-01T23:15:00.000+05:30हम आपका इंतजार करेंगे।हम आपका इंतजार करेंगे।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-30993197338242575092007-08-01T23:13:00.000+05:302007-08-01T23:13:00.000+05:30शुभकामनायें. जल्दी वापस आयें. इन्तजार रहेगा.शुभकामनायें. जल्दी वापस आयें. इन्तजार रहेगा.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-75662465699129036932007-08-01T23:12:00.000+05:302007-08-01T23:12:00.000+05:30आपकी कविताओ का इंतजा़र रहेगा ...हमारी शुभकामनायें....आपकी कविताओ का इंतजा़र रहेगा ...<BR/><BR/>हमारी शुभकामनायें....Reetesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/12515570085939529378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-74858540364679901232007-08-01T22:41:00.000+05:302007-08-01T22:41:00.000+05:30अरे दीदी कहां चल दीं... मैं खुद ब्लोग और कविता को ...अरे दीदी कहां चल दीं... मैं खुद ब्लोग और कविता को बिल्कुल वक्त नहीं दे पा रहा... कभी कभी कुछ सपने देखने के लिये कुछ सपने छोड़ने भी पड़ते हैं...देवेश वशिष्ठ ' खबरी 'https://www.blogger.com/profile/03089045465753357873noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-238211821352305428.post-61463656539265028172007-08-01T22:32:00.000+05:302007-08-01T22:32:00.000+05:30will miss u for sure.. hope to c u soon again. all...will miss u for sure.. hope to c u soon again. all the best..Monika (Manya)https://www.blogger.com/profile/02268500799521003069noreply@blogger.com